मधुमेह (डायबिटीज) जिसे शुगर भी कहते हैं,आज दुनिया भर में सबसे तेजी बढ़ने वाली बीमारी बन गई है। चीन के बाद भारत दूसरा ऐसा देश जहाँ मधुमेह के सबसे ज्यादा रोगी हैं। आज भारत में हर 6 में से 1 व्यक्ति डायबीटीस से ग्रषित है । मधुमेह पैनक्रिआस से होने वाले इन्सुलिन हॉर्मोन के श्राव की मात्रा में कमी आने के कारण होता है। यह यदि एक बार किसी व्यक्ति को हो जाये तो पुरे जीवन खाने में और जीवन शैली में सावधानी रखने की आवश्यकता पड़ जाती है। यह ऐसा रोग है जिसे अगर नियंत्रण में न रखा जाये तो यह शरीर के अन्य भाग जैसे - आँख, दिमाग, नसें ,किडनी आदि को बहुत बुरी तरह प्रभावित करती है । कभी कभी तो इसकी वजह से रोगी की जान तक जाने का खतरा बन जाता है।
मधुमेह (डायबिटीज) क्या है? (What is diabetes in Hindi)
डायबिटीज एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर (Metabolic Disorder) है । जब किसी भी व्यक्ति के रक्त मैं मौजूद सरकरा (sugar) की मात्रा बढ़ जाती है तथा वह लम्बे समय तक बनी रहती है तो इस स्थिति को मधुमेह (डायबिटीज) कहा जाता है। व्यक्ति के शरीर में पैंक्रीआस (pancreas) नामक ग्रथि होती है जिससे इंसुलिन (Insulin) नामक एक हार्मोंन का श्राव होता है। जब व्यक्ति भोजन करता है तो हमारे शरीर के अंदर मौजूद तंत्र उस भोजन को ग्लूकोस में परिवर्त्त करते है। यह ग्लूकोस रक्त में प्रवाहित होने लगता है। शरीर में मौजूद कोशिकाएं इस ग्लूकोस को रक्त से अवशोषित करती है तथा यह ग्लूकोस कोशिकाओं में ऊर्जा का निर्माण करती है।
जब शरीर में इंसुलिन हॉर्मोन का उत्सर्जन कम होने लगता है तो ग्लूकोज़ निर्माण की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है तथा कोशकाओं द्वारा ग्लूकोस का अवशोषण भी प्रभावित होता है।
अतः रक्त में सरकरा की मात्रा बढ़ने लगती है तथा यह लम्बे समय तक बनी रहती है। इसी स्थिति को मधुमेह कहते है। जब व्यक्ति के रक्त में सरकरा (Sugar) की मात्रा 120 gm से ज्यादा हो तो ऐसी स्थिति को मधुमेह (डायबिटीज) कहते हैं।
मधुमेह (डायबिटीज) के प्रकार (Types of Diabetes in Hindi)
मधुमेह बच्चों से लेकर बड़ों तक में होने वाली बीमारी हैं। इसे मुख्यतः २ भागों में विभाजित किया गया हैं। इन भागों को टाइप 1 और टाइप 2 के नाम से जाना जाता है। इसके होने के कारणों में भी कुछ विभिन्नताएं पायी जाती हैं। जिनका विश्लेषण निचे किया गया हैं।
टाइप 1 - अनुवांशिकता के कारण होने वाली मधुमेह (डायबिटीज) को टाइप 1 की श्रेणी में रखा गया है। यह मुख्यतः बच्चों में पाई जाने वाली डायबिटीज है। यह बच्चों में जन्म के समय से भी हो सकता है, क्योकि इसका मुख्य कारण परिवार के बड़ों में हुई डायबिटीज तथा उसका जीन के द्वारा बच्चों में आना होता है।
इसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune disorder) भी कहते हैं क्योंकी इस स्थिति में शरीर में इंसुलिन (Insulin) बनना बिलकुल बंद हो जाता है । शरीर के अंदर स्थित कोशिकाएं एक दूसरे को ही मारने लगती है जिसके कारण इंसुलिन बन नई पता और सरकरा ( Sugar ) की मात्रा बढ़ जाती है।
टाइप 2 - दूसरी श्रेणी की मधुमेह (डायबिटीज) है टाइप 2। इस प्रकार की डायबिटीज लोगों लोगों में ख़राब जीवन शैली को अपनाने के कारन होती है ।इसके अंतर्गत लोगों के रहने-सहने खाने -पिने का ढंग सही न होने के कारण उनमे डायबिटीज की समस्या देखने को मिलती है। लोगों के फ़ास्ट फ़ूड के तरफ ज्यादा आकर्षित होने एवं एक्सरसाइज न करने के कारण यह बीमारी उनमें देखने को मिलती है।
डायबिटीज (Diabetes) होने के कारण (Diabetes Reasons in Hindi)
दुनिया भर में लोगों में डायबिटीज होने के कई कारण देखने को मिलते हैं ,अतः लोगों के डायबिटिक होने के कारणों को निम्न प्रकार से देख सकते हैं।
अनुवांशिकता के कारण
लोगों में विशेषतः बच्चों में यह बीमारी होने का मुख्य कारण अनुवांशिक तौर पर आने वाली बीमारी है। परिवार के बड़ों जैसे दादा -दादी , नाना - नानी ,आदि में हुई डायबिटीज जिन के ज़रिए बच्चों या बड़े व्यक्ति में आ जाती ह।
खराब जीवन शैली
खराब खान -पान , ज्यादा तला- भुना या ज्यादा मीठा खाने के कारण भी यह बीमारी होने का डर रहता है।
शारीरिक गतिविधियों में कमी
लोग शारीरिक गतिविधि जैसे एक्सरसाइज या चलने से बचना चाहते है जिसके कारण वो मोटापे के शिकार हो जाते है। जो आगे चल कर डायबिटीज होने के कारणों में एक हो जाता है।
डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabeties in Hindi)
मधुमेह (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के रक्त एवं यूरिन में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे व्यक्ति को कई घातक बिमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
मधुमेह (डायबिटीज) को दूर करने के उपाए :-
डायबिटीज को दूर या नियंत्रण करने के उपायों को निम्न प्रकार से देख सकते है :-
नियमित खून की जाँच
इसको नियंत्रित करने का सबसे अच्छा उपाए इसकी लगातार जाँच करना है। कुछ-कुछ दिनों पर इसकी जाँच करना आवश्यक है।
खाने-पिने में परहेज
मधुमेह (डायबिटीज) से ग्रसित व्यक्ति के लिए यह बहुत जरूर है की खाने में सावधानी बरते। व्यक्ति को चाहिए की वो मीठा से बचे और जितना हो सके स|दा और कम मीठा खाये।
एक्सरसाइज (exercise) के द्वारा
लोगों को एक्सरसाइज नियमित तौर पर करने की आवश्य्कता होती है जिससे शुगर कण्ट्रोल में रहता है।
वाक (walk) करके
शुगर पेशेंट के लिए बहुत जरुरी है की वो नियमित तौर पर वाक करें।
दवाओं का उपयोग
शुगर पेशेंट को दवाओं का प्रयोग करना जरुरी हो जाता है। उन्हें किसी डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का प्रयोग नियमित तौर पर करना पड़ता है।
आयुर्वेदिक दवा का प्रयोग करके
आयुर्वेदिक दवाएं भी शुगर कण्ट्रोल करने में कारगर होती है। जिनका कोई दुष्प्रभाव भी नही पड़ता है। आयुर्वेदिक दवाओं में मधु-अमृत भी काफी कारगर दवाओं में एक है।
डायबिटीज के घरेलू उपाय
मधुमेह (डायबिटीज) को दूर करने के लिए घरेलु उपाए काफी फायदेमंद होते हैं। कुछ उपायों को इस प्रकार देख सकते हैं :--
- जामुन के बीज को सूखा कर पीस लें तथा इसे खली पेट गुनगुने पानी के साथ लें।
- मेथी के बीज को रात भर के लिए पानीमें भिंगो लें फिर सुबह खली पेट बीज सहित पानी पी लें।
- नीम के पत्ते चबाने या उसका रास पिने से भी शुगर में आराम मिलता है।
- दालचीनी के पाउडर के सेवन से भी मधुमेह में आराम मिलता है।
डायबिटीज आहार
डायबिटीज को दूर करने के लिए व्यक्ति को आहार में विशेष सावधानियां बरतने की जरुरत होती है। कुछ आहार जो डायबिटिक पेशेंट्स के लिए अपने शुगर को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होते है ,का वर्णन निचे दिया गया है।
- भरपूर फल और साग सब्जियों का सेवन करना आवश्यक है।
- नॉन वेजिटेरिअन व्यक्ति चिकन और मछली आदि का सेवनं कर सकते है।
- मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों को कम वसा या वसा रहित डेयरी उत्पाद का सेवन करना चाहिए।
- शुगर पेशेंट्स के लिए साबुत अनाज, जैसे कि पूरी गेहूं की रोटी/रोटी, ब्राउन राइस, आदि भी फायदेमंद होती है।
- फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे मटर और बीन्स का सेवन करना भी मधुमेह के लिए फायदेमंद होता है।
डायबिटीज में क्या खाना चाहिए
डायबिटीज के मरीजों को चाहिए की वो अपने आहार में अरहर की दाल, काबुली चने, हरे चने, कुलथी की दाल का अधिक अधिक प्रयोग करें. मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज सेब, संतरा, आड़ू, बेरीज, चेरी, एप्रिकोट, नाशपाती और कीवी जैसे फल का हर दिन सेवन करें तो वह काफी लाभदायक हो सकता है।आप बिना गुड़ के उबाली हुई शकरकंद का सेवन भी कर सकते हैं, जो काफी फायदेमंद होती है।
डायबिटीज की सबसे अच्छी दवा क्या है-
आज के समय में मार्केट में डायबिटीज के लिए बहुत सारी दवाएं उपलब्ध है। एलोपैथी से लेकर आयुर्वेदक तक में इस बीमारी के लिए दवाएं उपलब्ध है। आयुर्वेद में भी इस बीमारी के लिए काफी दवाएं उपलब्ध है जो काफी लाभदायक है।
उन आयुवेर्दिक दवाओं में Nirogayurved की दवा Dr Madhu Amrit काफी असरदार दवा है। यह एक सर्टिफाइड दवा है जो ऑनलाइन भी उपलब्ध है। इसके प्रयोग से मधुमेह (डायबिटीज) से आसानी से छूटकरा पाया जा सकता है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रशन)
1) मधुमेह रोग कैसे होता है?
शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं। इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है।
2) मधुमेह (डायबिटीज) के 10 चेतावनी संकेत क्या है?
डायबिटीज के लक्षण
- बार-बार पेशाब आना
- ज्यादा प्यास और भूख लगना
- धुंधला दिखाई देना
- थकान होना
- अचानक से वजन में परिवर्तन होना
- चिड़चिड़ापन
- घाव भरने में समय लगना
- स्किन इंफेक्शन्स
3) मधुमेह किस उम्र में होता है?
मधुमेह के लिए कोई निश्चित आयु सिमा नहीं होती है। टाइप 2 मधुमेह अक्सर मध्यम आयु और वृद्ध लोगों में होता है। यदि आप 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं और आपका मधुमेह (डायबिटीज) का पारिवारिक इतिहास है, या अधिक वजन वाले हैं या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो आपको टाइप 2 मधुमेह होने की अधिक संभावना है।
4) मधुमेह रोग में शरीर के कौन से अंग प्रभावित होते हैं?
डायबिटीज की वजह से हमारे विशेष अंग - जैसे, किडनी, आंखें, दिल और स्किन तक पर असर पड़ सकता है।
5) मधुमेह रोग का दूसरा नाम क्या है?
मधुमेह (डायबिटीज) को वैज्ञानिक रूप से डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus) के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ बीमारियों के एक समूह है, जो आपके शरीर द्वारा रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का उपयोग करने के तरीके को प्रभावित करता है।