मानसिक तनाव से कोई भी व्यक्ति ग्रसित हो सकता है। हर व्यक्ति चाहे वह धनि हो या गरीब, बड़ा हो या छोटा , सभी अपने जीवन में सफलता पाना चाहते है, एवं उस सफलता को पाने के लिए वो अपने-अपने स्तर पर छोटे - बड़े कई लक्ष्य भी निर्धारित करते है । यदि किसी कारण से व्यक्ति उस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पता है तो वह खुद पर एक प्रकार का दवाव महसूस करने लगता है। जब यह दवाब ज्यादा बढ़ जाता है तो वह दबाव की स्थिति तनाव के रूप में परिवर्तित हो जाती है। । इससे बचाव के लिए हमे तनाव सम्बन्धी विस्तृत जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है , जिसका विवरण निचे दिया गया है।
तनाव क्या है ? (What is stress in Hindi)
जैसा की हमने पहले बताया है तनाव लक्ष्य प्राप्ति में असफाकल होने पर पड़ने वाले दबाव के विस्तृत रूप को कहते है। परन्तु हमेशा यह तनाव मानसिक तनाव हानिकाक नहीं होता। कभी- कभी व्यक्ति को हल्के तनाव लेना आवश्यक भी हो जाता है। क्योंकि तनाव लेने से व्यक्ति लक्ष्य हासिल करने के लिए विशेष मेहनत करता है एवं सफलता भी प्राप्त करता है। आज के समय में तनाव की कोई उम्र की सिमा नहीं रह गई है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को किसी न किसी बात के तनाव का सामना करना पड़ता है। किसी व्यक्ति के तनाव की स्थिति को उसके लक्षणों से पहचाना जा सकता है।
तनाव के लक्षण ( Symptom of Stress in Hindi)
तनाव के लक्षणों को हम निम्न प्रकार से जान सकते है।
1. मानसिक लक्षण :-
निर्णय लेने में कमी , किसी घटना के बारे में ज्यादा सोचना ,हमेशा चिंता करते रहना इत्यादि।2. शारीरिक लक्षण :-
तनाव ग्रषित व्यक्ति में कुछ निम्नलिखित लक्षण पाए जाते है :सर दर्द ,दिल की धड़कन बढ़ना , उलटी या चक्कर आना , लगातार जुकाम की स्थिति, दिल की धड़कन बढ़ना इत्यादि।
3. भावात्मक लक्षण :-
चिड़चिड़ापन , आराम करने में असमर्थ होना , अकेलापन महसूस करना।4. व्यवहारिक लक्षण :-
शराब सिगरेट का उपयोग , बहुत ज्यादा सोना या अनिद्रा , जिम्मेदारी से दूर होना , परिवार से दूर रहना।
इनमें से यहां हम मानसिक तनाव की विस्तृत जानकारी प्राप्त करंगे :-
मानसिक तनाव क्या है ?/Mansik tanav kya hai(What is Mental Stress in Hindi)
मानसिक तनाव को हम मानसिक विकार के रूप में भी देख सकते है । मानसिक तनाव एक ऐसी स्थिति होती है जो किसी ऐसे शारीरिक, रासायनिक या भावनात्मक कारक के रूप में कार्य करती है। जो शारीरिक एवं भावात्मक बेचैनी उतपन्न करती है तथा रोग निर्माण का एक कारक बनती है ।
इसमें व्यक्ति को कुछ भी समझ नहीं आता ,उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता । उसे अपना जीवन खाली और दुखों से भरा लगता है। प्रत्येक व्यक्ति में तनाव होने के अलग-अलग कारण हो सकते है । जो व्यक्ति तनाव से ग्रसित होता है वह किसी भी कार्य को सफलता से करने में असमर्थ हो जाता है।
मानसिक तनाव के लक्षण /Mansik tanav ke lakshan( Symptom of Mental Stress in Hindi )
कोई व्यक्ति मानसिक तनाव से ग्रसित है , इसका पता हम निम्नलिखित लक्षणों को जानकर लगा सकते है। मानसिक तनाव हमें कई रूप से ग्रसित कर सकता है। इसके लक्षण हमे शारीरिक ,मानसिक,और व्यवहार मैं देखने को मिल सकते है:-
मानसिक तनाव के शारीरिक लक्षण :-
- बार -बार पसीना आना।
- उच्च_रक्तचाप
- सर दर्द
- चक्कर आना
- शरीर मैं जकड़न महसूस होना
- हाथ पैर सुन्न हो जाना
- नींद न आना
- अचानक वजन कम या ज्यादा होना
मानसिक तनाव का भावात्मक लक्षण :-
- मन उदास रहना
- बार बार गुस्सा आना
- मन घबराना
- किसी काम में ध्यान न होना
- हमेशा चिंतित रहना
- चिड़चिड़ापन होना
मानसिक तनाव के व्यावहारिक लक्षण :-
- दांत पीसना।
- शरीर में थरथराहट महसूस होना।
- उदास रहना।
- किसी काम में मन न लगना।
- ज्यादा या कम सोना।
- किसी की बात पर ध्यान न देना।
- सर में दर्द।
मानसिक तनाव के कारण:-
- मानसिक तनाव एक ऐसी मनः स्थिति है जिसका कोई एक पर्याप्त कारण नहीं होता है। कभी-कभी छोटी से छोटी बात पर भी व्यक्ति तनाव की स्थिति में चला जाता है। मानसिक तनाव के कुछ सामन्य कारण है जिनका वर्णन निचे कर रहे है:-
- किसी प्रियजन को खोने से अक्सर लोग मानसिक तनाव के शिकार हो जाते है।
- परीक्षा के दौरान या परिणाम से भी कई बार मानसिक तनाव बढ़ने की शिकायत देखी गई है।
- तर्क-वितर्क करना भी एक कारण होता है।
- किसी के द्वारा परेशांन करे जाने पर भी यह समस्या होती है।
- आफिस में बढ़े कामकाज से भी मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है।
- शादी या बच्चे के जन्म पर होने वाली परेशानी से व्यक्ति का मस्तिष्क कभी कभी अव्यवस्थित हो जाता है।
- असफलता का डर होने से मानसिक तनाव बढ़ता है ,
- नकारात्मक सोच के कारण मानसिक तनाव बढ़ता है ,
मानसिक तनाव से होने वली बीमारियां :-
कई बार किसी व्यक्ति में किसी प्रकार की बीमारी न होने के बावजूद ,केवल उसके मानसिक तनाव में आने के कारण वह ऐसी बिमारियों का शिकार हो जाता है जो जीवन भर के लिए उसे बीमार कर देता है।
मानसिक तनाव के कारणवश होने वाली कुछ बिमारियों का वर्णन निचे किया गया है:-
- हार्मोनल इम्बैलेंस - हॉर्मोन्स में गड़बड़ी होने का मानसिक तनाव से सीधा संपर्क होता है। यह समस्या विशेष रूप से स्त्रियों में देखने को मिलती है।
- हाई/ लो ब्लड प्रेशर - जो व्यक्ति मानसिक तनाव से ग्रसित होता है उसमे अक्सर ही हाई या लो BP की शिकायत होने लगती है।
- सर में दर्द रहना - इस परेशानी में पड़े व्यक्ति में सर में दर्द होने की शिकायत भी देखी गई है।
- हार्ट अटैक होने का खतरा होना - इस परेशनी में व्यक्ति को हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है।
- नींद न आना - इस परेशानी में व्यक्ति को नींद न आने की बीमारी हो जाती है। कभी कभी तो व्यक्ति को दवा लेने के बाद भी नींद नहीं आती है।
- मानसिक स्थिति का खराब होना - मानसिक तनाव की स्थिति में व्यक्ति लोगो से दूर रहने लगता है। वह अकेले ज्यादा समय बिताने लगता है। जिसके कारण उसकी मानसिक स्थिति और खराब होने लगती है।
- निर्णय लेने में परेशानी :- मानसिक परेशानी की स्थिति में व्यक्ति को निर्णय लेने में परेशानी होने लगती है। इत्यादि।
मानसिक तनाव/ बीमारी का इलाज (Treatment of Stress)
मानसिक तनाव के होने का वैसे तो कोई बहुत बड़ा कारण नहीं होता है , परन्तु यदि इसे जल्द दूर नहीं किया गया तो कई बड़ी बिमारियों के होने का कारण बन जाता है या उन्हें बढ़ा देता है।अतः यह अत्यंत आवश्यक है की मानसिक तनाव को जितना जल्दी हो कम करने के उपाए करे जाये।
उसके कुछ उपायों का उल्लेख हम निचे कर रहें है :-
- पूरी नींद लें- ऐसी स्थिति में पूरी नींद लेना अत्यत आवश्यक होता है।
- रोज़ व्यायाम करें - रोज व्यायाम करने से मानसिक तनाव क स्थिति में सुधर आता है।
- परिवार में मिलजुल कर रहें - अकेले रहने से मानसिक तनाव और बढ़ने लगता है। इस कारण यह आवश्यक है की व्यक्ति परिवार में ज्यादा समय बिताये।
- खुश रहने की कोशिस करें- फ़ोन , टीवी किसी की सहायता से खुश रहने की कोशिश करे।
- बेवजह की टेंशन न लें- टेंशन लेने से बचें। क्योंकि इससे समस्या और अधिक बढ़ने का डर रहता है।
- नशे से दूर रहें - मानसिक तनाव की स्थिति में व्यक्ति को चाहिए की वो किसी भी प्रकार का नशा करने से बचें।
- नई चीजों को सिखने का करें प्रयास - जितना हो सके खुद को नै चीजों को सिखने में व्यस्त करें।
- नई जगहों पर जाने का करें प्लान- नई नई जगह घूमने का प्लान बनाये।
- दवाओं का करे प्रयोग - निरोग आयुर्वेद (Nirogayurved)के अन्तर्गत्त कुछ आयुर्वेदिक दावं का सेवन कर मष्तिस्क को शांत करने में सहायता मिलती है।
FAQ / अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :-
1) मानसिक तनाव कब होता है?
मानसिक तनाव लंबे समय के बाद पैदा होता है। तथा इसका हमारे शरीर पर गंभीर असर पड़ सकता है। यह अपनी नौकरी, स्कूल या घर में अत्यधिक काम करने से पैदा होता है। आप यदि खुद को आराम न दे।, मस्तिष्क एवं शरीर को आराम न दे तब मानसिक तनाव हो सकता है।
2) मानसिक रोगी को कैसे ठीक करें?
मानसिक रोगों के उपचार करने का सरल तरीका है, व्यक्ति के शारीरिक लक्षणों का उपचार करना। जैसे - नींद की समस्या के लिए नींद की गोलियों का प्रयोग , थकान दूर करने के लिए टॉनिक और विटामिन तथा दर्द की समस्या के लिए दर्द निवारक गोलियों का प्रयोग ।
3) मानसिक रोगी कितने दिन में ठीक हो जाता है?कब तक चलती है दवा?
मानसिक रोगी के ठीक होने का कोई निश्चित समय नहीं होता है । यह बीमारी की अवधि पर निर्भर करता है। यदि बीमारी पुराणी है तो व्यक्ति को लम्बे अवधि तक भी दवा लेनी पड़ सकती है । कुछ सामान्य मानसिक बीमारियों जैसे डिप्रेशन, एंग्जायटी डिसऑर्डर, स्ट्रेस आदि मामलों में 6 महीने से लेकर 2 साल तक दवाएं चलती हैं। फिर डॉक्टर की सलाह से मेडिसिन को कम या बंद करना होता है।
4) सबसे गंभीर मानसिक बीमारी कौन सी है?
सिजोफ्रेनिया मानसिक तनाव का ही बढ़ा हुआ रूप है। यह मानसिक तनाव से सम्बंधित सबसे खतरनाक बीमारी है। इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है की इस बीमारी से पूरी दुनिया की करीब 1 फीसदी आबादी ग्रसित है जबकि भारत में इससे ग्रसित मरीजों की संख्या करीब 40 लाख है.सिजोफ्रेनिया के मरीज बहुत आसानी से जिंदगी से निराश हो जाते है। कई बार तो वह इतना निराश हो जाता है की खुदखुशी करने की नौबत आ जाती है।
5) मानसिक रोगी को क्या नहीं खाना चाहिए?
रिफाइंड शुगर , फ्राइड फूडस्, फ़ास्ट फूड्स ,अधिक मीठे चीज़ों को खाने से बचना चाहिए। साथ ही कैफीन और शराब का सेवन भी कम करना चाहिए। क्योंकि उसके सेवन से मानसिक तनाव की स्थिति और खराब होने का दर होता है।