पित्त दोष क्या है- इसका उल्लेख हमारे आयुर्वेद में अच्छी तरह से विधमान है। प्राचीनकाल काल में लोग अपने रोगों के उपचार के लिए आयुर्वेद का सहारा लेते थे,और यह प्रथा आज भी जारी है। आयुर्वेद में पित्त का रामबाण इलाज विधमान है। आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में तीन तरह के दोष पाए जाते है - वात, पित्त और कफ। यदि हमारे शरीर में इनमें से कोई भी चीज असंतुलित हो जाती है तो तो हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगती है। इसका प्रमुख कारण ख़राब जीवन शैली होती है।
इस लेख के माध्यम से हम पित्त दोष क्या है: पित्त का रामबाण इलाज क्या है यह जानने की कोशिस करेंगे।
पित्त दोष क्या है ? (What Is Pitta Dosha In Hindi)
हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए पित्त दोष का ठीक रहना अत्यंत आवश्यक है। पित्त दोष 'Tapa' से बना है जिसका मतलब है गर्मी या आग| पित्त दोष का निर्माण अग्नि और जल तत्त्व से मिलकर होता है। यह हमारे शरीर में पेट और छोटी आतों में विशेष रूप में विद्धमान होता है। यदि किसी व्यक्ति के पित्त की मात्रा बढ़ जाती है तो उसे स्वास्थय सम्बन्धी समस्या का सामना हमेशा करना पड़ता है। पित्त दोष के कारण लोगों को विशेष रूप से पाचन सम्बन्धी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त यदि पित्त दोष के कारण उत्साह में कमी होने लगती है साथ ही ह्रदय और फेफड़ों में कफ इकठ्ठा होने लगता है ।
पित्त के प्रकार :- (Types of Pitta Dosha In Hindi)
पित्त दोष का उपचार जानने के लिए यह आवश्यक है की पहले हम उसके प्रकार को जाने। स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति के शरीर में पित्त को सन्तुलित रहना अत्यंत आवश्यक है। पित्त का रामबाण इलाज के लिए एवं इसे संतुलित रखने के लिए उसकी विस्तृत जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष को मुख्य रूप से 5 प्रकार में विभाजित किया गया है।
- पाचक पित्त
- रज्जक पित्त
- साधक पित्त
- आलोचक पित्त
- भ्राजक पित्त
ऐसा माना जाता है की हमारे शरीर में जीतन भी बीमारियां होती है उनमें कम से कम 40 बीमारियां केवल पित्त दोष की के कारण होता है।
पित्त के लक्षण और उपाय:- (Symptoms of Pitta Dosha In Hindi)
पित्त दोष को संतुलित रखना शरीर को स्वस्थय रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। पित्त के लक्षण और उपाय जानकर हम इसे संतुलित रख सकते है।
अतः पित्त के लक्षण को हम निम्न प्रकार से देख सकते है।
- डायबिटीज (शुगर)
- एसिडिटी,
- कब्ज,
- पेट में दर्द या मरोड़,
- भूख का अचानक से कम हो जाना या बढ़ जाना,
- संक्रमण की चपेट में आना,
- बालों का झड़ना,
- हॉर्मोन में असंतुलन होना,
- गले में खराश होना,
- नींद की कमी,
- दिमाग में नेगेटिव बातें आना,
- सब्र की कमी होना और हर वक्त परफेक्ट दिखने की इच्छा होना आदि।
इन लक्षणों को जान कर हम पित्त का रामबाण इलाज कर सकते है और इससे छुटकारा पा सकते हैं।
पित्त के उपाय को हम निम्न प्रकार से देख सकते है :-
पित्त को दूर करने कई उपाय हैं। जिनमें - पित्त नाशक आयुर्वेदिक दवा, पित्त नाशक चूर्ण, पित्त नाशक दवा,पित्त नाशक फल ,पित्त का घरेलू इलाज ।इनका उल्लेख हम निचे कर रहे हैं :-
पित्त नाशक आयुर्वेदिक दवा - आयुर्वेद में हमें पित्त का रामबाण इलाज मिलता है।आयुर्वेदिक दवाओं के द्वारा हम पित्त से पूर्ण रूप से छुटकारा पा सकते है। आयुर्वेद में कई पित्त नाशक दवा विधमान होते है जिससे हम पित्त से मुक्ति पा सकते है। आयुर्वेद में कई कैप्सूल्स टेबलेट होते है जिससे पित्त से मुक्ति पा सकते है । Nirog ayurved पित्त से मुक्ति के लिए उपयुक्त आयुर्वेदिक दवा है।पित्त नाशक चूर्ण- पित्तनाशक के रूप में आयुर्वेद से प्राप्त पित नाशक चूर्ण का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसके माध्यम से भी पित्त से मुक्ति पाने में सहायता मिलती है।
पित्त नाशक दवा- आयुर्वेद से एलोपेथी तक में पित्त से मुक्ति के लिए दवा विधमान है। जिसके माध्यम से हम पित्त से छुटकारा पा सकते है।
पित्त नाशक फल - पित्त नाशक फल भी पित्त को दूर करने में महत्त्वपूर्ण एवं असरदार स्थान रखता है। पित्तनाशक फल के रूप कुछ महत्वपूर्ण फल निनलिखित है :-
1) गिलोय
2) आकाशबेल
3) गुड़हल
4) सफ़ेद गुड़हल
5) कुटकी
6) हरीतकी
7) कुटकी इत्यादि।
पित्त का घरेलू इलाज- (Remedies For Pitta Dosha In Hindi)
पित्त से मुक्ति के लिए कुछ घरेलु उपायों को अपनाना अत्यंत आवश्यक लाभदायक है। जीवन शैली को सुधारना एक प्रकार से पित्त का रामबाण इलाज हो जाता है। अतः सरल साधारण से नियमों का पालन करें तो कोई भी व्यक्ति अपने पित्त दोष को संतुलित रख सकता है।
दूध से बानी चीजों ककरें सेवन - दूध से बनी चीजें जैसे कि दही, मक्खन, घी और पनीर का सेवन करे।
सुपाच्य भोजन करें - हमेशा हल्का और सुपाच्य भोजन करें.अपनी डाइट में मौसमी फल और सब्जियों को शामिल करें.
शरीर को आराम दें- यानि कि न ज्यादा देर काम करें और न ही ज्यादा देर आराम करे।
नेचर से कनेक्शन - नेचर या ऐसे लोगों के साथ वक्त बिताएं जो आपको पसंद हो,
मैडिटेशन या योग के द्वारा - नियमित रूप से मेडिटेशन करें, आप रोज योगाभ्यास भी कर सकते हैं।
खट्टी चीजें खाएं - खट्टे स्वाद वाले फूड्स जैसे चटनी, अचार और दही आदि का सेवन ना करें.
बरपुर पानी पियें - बरसात में भले ही मौसम ठंडा हो और आपको कम प्यास लगे लेकिन रोजाना 8-10 गिलास पानी पीने के नियम को बरसात में भी जरूर फॉलो करें. इससे आप हाइड्रेटेड रह सकेंगे और शरीर को फूर्ति भी मिलेगी.
मौसमी फल एवं सब्जी का सेवन करें - बरसात में मूंग दाल, जौ, भिंडी, करेला और पके हुए कद्दू का सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है. इन फूड्स का सेवन सब्जी, दाल और खिचड़ी आदि बनाने में किया जा सकता है. आयुर्वेद में पित्त का रामबाण इलाज मौसमी फल एवं सब्जियों के सेवन के महत्व को बताया गया है।
पित्त से होने वाले रोग (Pitta Dosha Diseases In Hindi) :-
जैसा की हमने पहले भी बताया है की हमारे शरीर में होने वाले अधिकांश रोग पित्त से सम्बंधित होते है। जिनमे पित्त की समस्या होती है , ऐसे लोग पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कि कब्ज़, अपच, एसिडिटी आदि से पीड़ित रहते हैं। पित्त दोष के असंतुलित होते ही पाचक अग्नि कमजोर पड़ने लगती है और खाया हुआ भोजन ठीक से पच नहीं पाता है। इसकी समस्या होने से शरीर में होने वाले रोगों हम निम्न प्रकार से देख सकते है :-
1) सिर दर्द की बीमारी
2) पीलिया की बीमारी भी है पित्त दोष का कारण
3) गर्दन से जुड़ी बीमारी
4) डायबिटीज (शुगर) और पैनक्रियाज से जुड़ी बीमारी
5) नाभि के आसपास मरोड़े आना
6) पुरुषों में स्वप्न दोष की समस्या
7) महिलाओं की बीमारी
FAQ ( अक्सर पूछे जाने वले प्रश्न ): People Also Ask
पित्त को तुरंत कम कैसे करें?
1) कड़वी, कसैली और मीठी चीजें खाएं। पित्त को शांत करने में घी, मक्खन और दूध लाभकारी होते हैं।
2) ज्यादा शारीरिक गतिविधियों या अधिक आराम करने से बचें।
3) संतुलित आहार लें और दोस्तों से खूब बातें।
4) पित्त को संतुलित करने का सबसे अच्छा तरीका मेडिटेशन या ध्यान भी है।
5) योग की मदद से भी पित्त दोष को संतुलित किया जा सकता है।
पित्त में क्या नहीं खाना चाहिए?
परिष्कृत कार्बोहायड्रेट का सेवन करने से पित्ताशय की पथरी बढ़ने लगती है। इसलिए पित्ताशय की पथरी से जूझ रहे व्यक्ति को कैंडी, कुकीज़, केक, सफेद आटा, या अन्य किसी भी परिष्कृत अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
मैं अपने घर में पित्त से कैसे छुटकारा पा सकता हूं?
1) कड़वी, कसैली और मीठी चीजें खाएं। पित्त को शांत करने में घी, मक्खन और दूध लाभकारी होते हैं।
2) ज्यादा शारीरिक गतिविधियों या अधिक आराम करने से बचें।
3) संतुलित आहार लें और दोस्तों से खूब बातें।
4) पित्त को संतुलित करने का सबसे अच्छा तरीका मेडिटेशन या ध्यान भी है।
पित्त दोष कैसे खत्म करें?
1) हमेशा हल्का और सुपाच्य भोजन करें.
2) अपनी डाइट में मौसमी फल और सब्जियों को शामिल करें. -
3) पित्त दोष वाले लोगों के लिए गाय के घी का सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है.
4) अपनी डाइट में घी का इस्तेमाल सब्जियों और दाल में तड़के के लिए करें |